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परिचय

जीवन-यात्रा

योगेश्वर सिंह

नमस्ते! समाजिक कार्यों से अपनी अलग पहचान बनाने वाले योगेश्वर सिंह का नाम सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र की राजनीति में सुर्खियों में है। कभी योगेश्वर सिंह के सामने अर्थव्यवस्था का बहुत बड़ा संकट था। पढ़ाई के दौरान योगेश्वर सिंह के अंदर सामाजिक कार्यों को लेकर रूचि बढ़ने लगी। इसी विद्यालय में उनके पिता रामेश्वर सिंह प्रधानाचार्य थे।
1973 से 1980 तक श्री सिंह ने यूपी सैनिक स्कूल लखनऊ में कक्षा सातवीं से 11वीं तक की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद 1980 में बिजनौर में सर्विस कर रहे बड़े भाई दिनेश्वर सिंह के पास पहुंचे और वहीं पर 12वीं की शिक्षा ग्रहण किया।
1982 से 1986तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए एवं एमए(अंग्रेजी साहित्य) किया। 1986 में वह गाजियाबाद से एमबीए किये। इसी दौरान उन्हेंं एक बड़ी कंपनी में जॉब मिला। श्री सिंह ने बलिया, गाजीपुर सहित अन्य बड़े शहरों के बेरोजगारों को नौकरी भी दिलाया।
गाजियाबाद से लेकर विदेशों तक नौकरी करने वाले नौजवान योगेश्वर सिंह का नाम बड़े सम्मान के साथ लेते है। वह पांच भाईयों में तीसरे नंबर के है। बड़े भाई दिनेश्वर सिंह, दूसरे भाई सोमेश्वर सिंह, चौथे भाई कामेश्वर सिंह एवं पांचवें भाई राजेश्वर सिंह है।
उनकी शादी 1987 में सहतवार थाना क्षेत्र के बिसौली में हुआ था। योगेश्वर सिंह के श्वसुर आर्मी में थे। इनकी पत्नी आशा सिंह गृहणी है। योगेश्वर सिंह की एक पुुत्री निहारिका एवं एक पुत्र मयंक सिंह है।
योगेश्वर सिंह ने अपनी पुत्री एवं पुत्र की शादी धूमधाम के साथ बड़े घरानों में की है। एक समय में आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे योगेश्वर सिंह शिव के पुजारी है। ईश्वर की कृपा से आज उनके पास सब कुछ है ।
उन्होंंने 2013 में राजनीति में कदम रखा। वह पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की भारत पदयात्रा में भी शामिल हुए। उन्होंने पूर्व पीएम राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी सहित देश के बड़े नेताओं के साथ रहकर बहुत कुछ सीखा। श्री सिंह हॉकी के अच्छे खिलाड़ी भी थे। वर्तमान समय में योगेश्वर सिंह सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का मन बनाये हुए है।
मिशन

मेरा मिशन

सामाजिक-आर्थिक विकास:

1. बाहरी निवेश आकर्षित करके, उद्यमिता को प्रोत्साहित करके और सलेमपुर के भीतर रोजगार के अवसर पैदा करके सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।


2. सड़कों, बिजली, स्वच्छता और जल आपूर्ति समेत बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करके रहने वालों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना।


3. किसानों के लिए सुधार करने के लिए आधुनिक खेती तकनीक, सिंचाई सुविधाएं और बाजारों का पहुंच सुनिश्चित करके कृषि क्षेत्र को मजबूत करना।


शिक्षा और कौशल विकास:

1. सुविधाजनक और सस्ती शिक्षा प्रदान करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षणिक संस्थान स्थापित करना, जहां आधुनिक शिक्षण प्रणालियों और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित हो।


2. युवाओं को बाजार की मांग के साथ मेल खाने वाले महत्वपूर्ण कौशल विकास कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करना।


3. जिससे उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर मिलें और स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान कर सकें।


स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण:

1. अस्पताल, क्लिनिक और मोबाइल चिकित्सा इकाइयों की स्थापना करके स्वास्थ्य सेवाओं को सभी निवासियों के लिए सुलभ और सस्ती बनाए रखना।


2. स्वास्थ्य जागरूकता अभियान शुरू करके, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, रोग निवारण के अभ्यासों को प्रचारित करना और समुदाय के समग्र कल्याण को सुधारना।


3. महिलाओं, बच्चों और वृद्धों सहित समाज के अवसादित वर्गों का समर्थन करने के लिए सामाजिक कल्याण कार्यक्रम लागू करके उन्हें आवश्यक संसाधनों, स्वास्थ्य सेवाओं और विकास के अवसर प्रदान करना।


पर्यावरण और स्थायीत्व:

1. अक्षय ऊर्जा स्रोतों, कचरा प्रबंधन प्रणालियों और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को प्रोत्साहित करके स्थायी विकास प्रथाओं को प्रमोट करना।


2. सपेड़ लगाने वाली पहल को प्रारंभ करना, हरित जगहें बनाना और उचित कचरा प्रबंधन सुनिश्चित करना, जिससे पर्यावरणीय गुणवत्ता में सुधार हो और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सके।


3. सलेमपुर में पर्यावरण संरक्षण और स्थायी विकास को प्राथमिकता देने वाली नीतियों का प्रचार करना, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ निवासी पर्यावरण सुनिश्चित करेगी।


पारदर्शी और जवाबदेह शासन:

1. नियमित संवाद, जनसभाओं और प्रतिक्रिया तंत्र के माध्यम से पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा देना।


2. ई-शासन को प्रमोट करने, प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने और नागरिकों को कुशल सेवा प्रदान करने के लिए डिजिटल पहलों को कार्यान्वित करना।


3. सलेमपुर की जनता के विश्वास और विश्वास को बनाए रखने के लिए सरकारी गतिविधियों में ईमानदारी, ईमानदारी और नैतिक आचरण के सिद्धांतों को बनाए रखना।